Falgun Purnima 2025 Date: पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व होता है। यह दिन श्रीहरि को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु पूजा की जाती है और श्री सत्यनारायण पूजा का आयोजन किया जाता है। ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है। श्री सत्यनारायण पूजा से सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है और दरिद्रता दूर होती है। फाल्गुन पूर्णिमा व्रत रखा जाता है। इस दिन पूरे विधि-विधान से व्रत रखने और पूजा करने से अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस दिन की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
फाल्गुन पूर्णिमा तिथि
- फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि के दिन फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है।
- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत- 13 मार्च सुबह 10 बजकर 35 मिनट से।
- फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का समापन- 14 मार्च दोपहर 12 बजकर 23 मिनट पर।
- 14 मार्च 2025 को फाल्गुन पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा।
- इस दिन स्नान-दान करना बेहद शुभ माना जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा की पूजा विधि
- फाल्गुन पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- इस दिन पवित्र नदी में स्नान करना शुभ माना जाता है।
- यदि ऐसा संभव न हो तो गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर सकते हैं।
- स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- इसके बाद पंचोपचार कर श्री सत्यनारायण जी की पूजा करें।
- इस दिन सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करना न भूलें।
- सत्यनारायण व्रत कथा का पाठ करना बेहद शुभ माना जाता है।
- पूजा के समय भगवान विष्णु को पीले रंग के फल और फूल अर्पित करें।
- अंत में भगवान विष्णु की आरती करें।
- इस दिन दान देना शुभ माना जाता है।
फाल्गुन पूर्णिमा का महत्व
फाल्गुन पूर्णिमा फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण होता है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली का प्रारंभ होती है। जिसे होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य और व्रत का विशेष महत्व होता है। कई स्थानों पर भक्त व्रत रखकर भगवान नारायण की पूजा करते हैं और पवित्र नदियों में स्नान कर अपने पापों से मुक्ति की कामना करते हैं।