IND vs AUS 4th Test : ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के चौथे टेस्ट में टीम इंडिया को 184 रनों से हार का सामना करना पड़ा। ऑस्ट्रेलिया की टीम ने इसी के साथ 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से बढ़त बना ली है। कंगारू टीम ने टीम इंडिया को 340 रन का लक्ष्य दिया था, जिसका पीछा करते हुए भारत दूसरी पारी में 155 रन पर ही सिमट गया। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने आखिरी दिन भारतीय बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी। आइए जानते हैं कि भारत की हार के 4 बड़े कारण क्या रहे।
मेलबर्न टेस्ट में भारत की हार का असली दोषी उसकी गेंदबाजी रही। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 474 रनों का पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा कर दिया। स्मिथ, लाबुशेन और कोंस्टस जैसे बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को खूब परेशान किया। मोहम्मद सिराज ने 23 ओवरों में 122 रन लुटा दिए। पहली पारी की इस बड़ी बढ़त ने भारत की कमर तोड़ दी और आखिरकार टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।
474 रनों के जवाब में टीम इंडिया सिर्फ 369 रन ही बना पाया। रोहित, कोहली जैसे बल्लेबाजों का बल्ला खामोश रहा। सिर्फ नीतीश रेड्डी और यशस्वी जायसवाल ही कुछ देर टिक पाए। पहली पारी में रोहित शर्मा (3), केएल राहुल (24), विराट कोहली (36) और ऋषभ पंत (28) रन ही बना सके। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों ने भारतीय बल्लेबाजों को खूब परेशान किया और अंत में भारत को 105 रनों की बड़ी बढ़त दे दी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने मैच पर अपना दबदबा बना लिया।
मैच में एक समय ऐसा था कि जब लगा भारत मैच में वापसी कर लेगा, तब ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों ने खेल का रुख ही बदल दिया। बुमराह और सिराज की धारदार गेंदबाजी के बाद भी ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने भारत को चौंका दिया। यशस्वी जायसवाल जैसे युवा खिलाड़ी के कैच छोड़ने से भी भारत को नुकसान हुआ। लाबुशेन और कमिंस की साझेदारी ने तो जैसे भारत की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। अंत में ऑस्ट्रेलिया ने भारत के सामने 340 रनों का विशाल लक्ष्य रख दिया।
मेलबर्न टेस्ट में भारत को अंपायरिंग के खराब फैसले का खामियाजा भुगतना पड़ा। जब भारत मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, तभी यशस्वी जायसवाल को एक विवादास्पद फैसले से आउट कर दिया गया। टीवी रिप्ले में साफ दिख रहा था कि गेंद बल्ले से टकराई नहीं थी, लेकिन अंपायर ने डीआरएस के बावजूद यशस्वी को आउट दे दिया। इस गलत फैसले से भारतीय टीम को बड़ा झटका लगा और मैच का रुख ही बदल गया। पूर्व क्रिकेटर रवि शास्त्री ने भी इस फैसले की कड़ी आलोचना की।