Rabindranath Tagore Jayanti 2025: जीवन को बदल देंगे रवींद्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक और सकारात्मक कोट्स

09 May, 2025
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Rabindranath Tagore Jayanti 2025 Quotes: रवींद्रनाथ टैगोर भारतीय साहित्य, कला और दर्शन के लिए जाने जाते हैं। वह न सिर्फ पहले भारतीय बल्कि पहले एशियाई व्यक्ति थे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उन्हें उनकी रचना गीतांजलि के लिए यह सम्मान मिला। टैगोर एकमात्र ऐसे व्यक्ति है जिन्होंने दो देशों के राष्ट्रगान की रचना की है। रवींद्रनाथ टैगोर ने मात्र 8 साल की आयु में अपनी पहली कविता लिखी थी। वहीं मात्र 16 साल की उम्र में उनकी पहली लघुकथा प्रकाशित हुई थी। आइए पढ़ें रवींद्रनाथ टैगोर के प्रेरणादायक और सकारात्मक कोट्स जो जीवन को बदल देंगे।
 
तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाकू की तरह है जिसमें सिर्फ ब्लेड है, यह इसका प्रयोग करने वाले को घायल कर देता है।
 
निर्वाण मोमबत्ती को बुझाना नहीं है। यह ज्योति का बुझ जाना है क्योंकि दिन आ गया है।
 
जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुंचता है जब हम उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं।
 
खुश रहना बहुत सरल है, लेकिन सरल होना बहुत मुश्किल है।
 
तितली महीने की नहीं, बल्कि प्रत्येक क्षण की गिनती करती है। उसके पास पर्याप्त समय होता है।
 
जीवन की चुनौतियों से बचने की बजाए उनका निडर होकर सामना करने की हिम्मत मिले, इसकी प्रार्थना करनी चाहिए।
 
प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।
 
कलाकार खुद को कला में उजागर करता है कलाकृति को नहीं।
 
दोस्ती की गहराई परिचित की लंबाई पर निर्भर नहीं करती।
 
यदि आप सभी त्रुटियों के लिए दरवाजा बंद कर दोगे तो सच अपने आप बाहर बंद हो जाएगा।
 
आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाले को महसूस करता है।
 
जिस तरह घोंसला सोती हुई चिड़िया को आश्रय देता है उसी तरह मौन तुम्हारी वाणी को आश्रय देता हैं।
 
आप समुद्र के किनारे खड़े होकर और उसके जल को घूरकर पार नहीं कर सकते हैं।
 
विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारखाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।
 
जो लोग अच्छाई करने में स्वयं को ज्यादा व्यस्त रखते हैं, वह स्वयं को अच्छा बनने के लिए समय नहीं निकाल पाते हैं।
 
हर वह कठिनाई जिससे आप अपना मुंह मोड़ लेते हैं वह एक भूत बन कर आपकी नींद में खलल डालेगी।
 
प्रेम कब्जे का दावा नहीं करता, बल्कि स्वतंत्रता देता है।
 
जब हम विनम्र होते हैं तो तब हम महानता के सबसे नजदीक होते हैं।
 
अगर आप खड़े होकर सिर्फ पानी को देखोगे तो आप समुद्र पार नहीं कर सकते।
 

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