Rabindranath Tagore Jayanti 2024: जानें मात्र 8 साल की आयु में पहली कविता लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

06 May, 2024
Rabindranath Tagore Jayanti 2024: जानें मात्र 8 साल की आयु में पहली कविता लिखने वाले रवींद्रनाथ टैगोर के जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें

Rabindranath Tagore Jayanti 2024: संगीत और साहित्यिक सम्राट रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती हर साल 7 मई को मनाई जाती है। रवींद्रनाथ टैगोर बहुमुखी प्रतिभा के मालिक थे। वह कवि, उपन्यासकार, नाटककार, संगीतकार, चित्रकार और दार्शनिक थे। भारत की आज़ादी की लड़ाई में भी उन्होंने अहम किरदार निभाया था। उनका जन्म देवेंद्रनाथ टैगोर और शारदा देवी के घर 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ था। वह 13 भाई-बहन थे और उनका बचपन का नाम ‘रबी’ था। रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मदिवस के शुभ अवसर पर आइए जानते हैं उनसे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें। 

2200 से भी ज्यादा गीतों की रचना, 8 साल की आयु में लिखी पहली कविता

रवींद्रनाथ टैगोर ने लगभग 2200 से अधिक गीतों की रचना की है। इसके अलावा उन्होंने उपन्यास और नाटक भी लिखें हैं। रवींद्रनाथ टैगोर बचपन से ही प्रतिभाशाली थे उन्होंने मात्र 8 साल की आयु से ही कविता लिखना शुरु किया था, वहीं 16 साल की उम्र में उन्होंने पहला काव्य संग्रह लिखा। 

पहले गैर-यूरोपीय नोबेल पुरस्कार विजेता

रवींद्रनाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। उन्हें साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला था। उन्हें उनके कविता संग्रह ‘गीतांजलि’ के लिए साल 1913 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। नोबेल पुरस्कार पाने वाले वह पहले भारतीय ही नहीं बल्कि पहले गैर-यूरोपीय भी थे। 

‘नाइट हुड’ की उपाधि, अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

ब्रिटिश सरकार ने रवीन्द्रनाथ टैगोर को ‘नाइट हुड’ यानी ‘सर’ की उपाधि से नवाज़ा था। परंतु 1919 में हुए जलियांवालाबाग हत्याकांड के बाद उन्होंने यह उपाधि लौटा दी थी। रवीन्द्रनाथ टैगोर की रचनाओं का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है और दुनिया भर के साहित्य और संस्कृति पर उनका गहरा प्रभाव पड़ा है। आज भी साहित्य में रुचि रखने वाले पाठक चाहें वह किसी भी देश या भाषा का हो। उनकी रचनाओं को पढ़ता है। 

रवींद्रनाथ टैगोर 3 देशों के राष्ट्रगान के रचयिता

रवींद्रनाथ टैगोर एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने तीन देशों के राष्ट्रगान की भी रचना की है। जिनमें भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ हैं। वहीं बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ की भी रचना टैगोर ने की थी। इनके अलावा श्रीलंका के राष्ट्रगान का एक हिस्सा भी उनकी कविता से प्रेरित बताया जाता है।

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