International Widows Day 2024: अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस हर साल 23 जून को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस विधवाओं के अधिकारों और उनकी स्थिति में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह दिन समाज में उनकी दुर्दशा को उजागर करने और उनके सशक्तिकरण के लिए प्रयासरत रहे। आइए जानते हैं इस दिन की थीम इतिहास और महत्व।
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की शुरुआत लूम्बा फाउंडेशन (Loomba Foundation) ने की थी, जिसका उद्देश्य है दुनिया भर में विधवाओं की दुर्दशा को उजागर करना और उनकी सहायता करना। लूंबा फाउंडेशन की स्थापना लॉर्ड राज लूंबा सी. बी. ई. और उनकी पत्नी वीना, लेडी लूंबा ने की थी। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 दिसंबर 2010 को 23 जून को अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस के रूप में मान्यता दी। यह दिन पहली बार 2011 में मनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य विधवाओं की समस्याओं और चुनौतियों पर ध्यान आकर्षित करना और उनके अधिकारों के लिए समर्थन करना है।
हर साल इस दिन के लिए एक विशेष थीम निर्धारित की जाती है, जो विधवाओं की समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करती है और उन्हें सशक्त बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देती है। इसे संयुक्त राष्ट्र या अन्य संबंधित संगठनों द्वारा निर्धारित किया जाता है। इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस की थीम "लैंगिक समानता की प्राप्ति में तेजी लाना" है। इस थीम के माध्यम से विधवाओं के अधिकारों और उनके सामाजिक, आर्थिक और कानूनी स्थिति में सुधार के प्रयासों को प्रोत्साहित किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस का मुख्य उद्देश्य विधवाओं की समस्याओं पर जागरूकता बढ़ाना है, जैसे कि गरीबी, सामाजिक बहिष्कार, हिंसा, और भेदभाव। यह दिन सरकारों और नीति निर्माताओं को विधवाओं के अधिकारों और उनके सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी नीतियां बनाने के लिए प्रेरित करता है। इस दिन के माध्यम से विधवाओं को सशक्त बनाने के लिए शिक्षा, रोजगार, और कानूनी सहायता के महत्व पर जोर दिया जाता है। विभिन्न संगठनों, समुदायों और व्यक्तियों को विधवाओं की सहायता के लिए समर्थन और संसाधन जुटाने के लिए प्रेरित किया जाता है। विधवाओं के लिए समानता, सम्मान और अधिकारों की वकालत करना इस दिन का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है जिससे वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।