Mahashivratri 2025: जानें महाशिवरात्रि व्रत के नियम, क्या करें और क्या नहीं

24 Feb, 2025
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Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव को समर्पित होता है। यह पर्व फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। शिव भक्तों के लिए यह पर्व किसी उत्सव से कम नहीं माना जाता। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह संपन्न हुआ था इसलिए यह पर्व बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। वहीं इस दिन पूरे विधि-विधान से शिव-पार्वती की पूजा की जाती है। पूजा करने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और घर में सुख शांति का वास होता है। वहीं इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। महाशिवरात्रि का व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है आइए जानते हैं व्रत के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।

महाशिवरात्रि व्रत में क्या करें?

स्नान और पवित्रता का पालन करें- महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे सफेद या पीले वस्त्र धारण करें।
 
व्रत का संकल्प लें- महाशिवरात्रि के दिन निर्जला या फलाहार व्रत रखने का संकल्प लें। व्रत रखने से मन को शुद्ध होत है। शांति मिलती है और सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। 
 
भगवान शिव की पूजा करें- इस दिन शिव जी की पूरे विधि-विधान से पूजा करें। शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, घी और बेलपत्र चढ़ाएं। ष्ॐ नमः शिवाय’’ मंत्र का जाप करें। पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद बना रहता है। 
 
रात्रि जागरण करें- पूरी रात शिव जी की भक्ति में लीन रहें और भजन-कीर्तन करें। चार प्रहर की पूजा करें और भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए ध्यान और जप करें।
 
जरूरतमंदों की मदद करें- इस दिन जरूरतमंदों को दान करें और भोजन कराएं। गरीबों और ब्राह्मणों को वस्त्र और अन्न दान करना शुभ माना जाता है।

महाशिवरात्रि व्रत में क्या न करें?

तामसिक भोजन और नशे से बचें- इस दिन मांस, मदिरा, लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन का सेवन न करें। नशा करना महाशिवरात्रि के नियमों के विरुद्ध माना जाता है। इन सभी चीज़ों का भोजन करना अशुभ माना जाता है। 
 
क्रोध और अहंकार से दूर रहें- इस दिन किसी से झगड़ा या कटु वचन बोलने से बचें। किसी से झगड़ा न करें। मन को शांत रखें और संयम का पालन करें।
 
अन्न और अनाज का सेवन न करें- यदि संभव हो तो पूर्ण उपवास करें या केवल फलाहार लें। सेंधा नमक, दूध, फल और मखाने आदि का सेवन करें। व्रत के सभी नियमों का पालन करें और अपने मन में बुरे विचार न आने दें।
 

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