Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इसलिए लिए भोलेनाथ के भक्त इस दिन को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाया जाता है। इस साल 26 फरवरी 2025 को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन पूरे विधि-विधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है और रुद्राभिषेक किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भारत में अलग-अलग जगहों पर उनके 12 ज्योतिर्लिंग स्थापित हैं जिनका दर्शन करना बहुत शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं इन ज्योतिर्लिंग के बारे में।
सोमनाथ ज्योतिर्लिंग- सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का बहुत महत्व माना जाता है। कहा जाता है कि चंद्रदेव ने इस शिवलिंग की स्थापना की थी। माना जाता है कि यह पृथ्वी का पहला ज्योतिर्लिंग है। यह गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थापित है।
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मद्रास में कृष्णा नदी के किनारे श्रीशैल पर्वत पर स्थापित है। इस पर्वत को बहुत अच्छा माना जाता है। इसका दर्जा कैलाश के समान है।
महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थापित है। यहां पूजा करने से अकाल मृत्यु का भय निकल जाता है। यहां की भस्म आरती भी काफी प्रसिद्ध मानी जाती है।
ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग- ममलेश्वर ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के ॐकारेश्वर में नर्मदा तट पर स्थापित है। इस ज्योतिर्लिंग की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है।
वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग- वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग झारखंड के देवघर में स्थित है। बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग वैद्यनाथ धाम के नाम से दुनिया भर में प्रसिद्ध है।
भीमशंकर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र के पुणे जिले में सह्याद्रि नामक पर्वत पर भीमा नदी के किनारे भीमशंकर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह ज्योतिर्लिंग मोटेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है।
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग- यह चार धामों में से एक है। तमिलनाडु के रामनाथपुरम में रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग स्थापित है। भगवान राम ने लंका विजय से पहले यहां शिवलिंग स्थापित किया था और शिव पूजा की थी।
नागेश्वर ज्योतिर्लिंग- गुजरात के द्वारकाधाम के निकट नागेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। भगवान शिव को नागों का ईश्वर भी माना जाता है।
विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग- उत्तर प्रदेश के वाराणसी में विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग स्थित है। यह ज्योतिर्लिंग को काशी विश्वनाथ के नाम से भी प्रसिद्ध है। भगवान शिव काशी के लोगों की रक्षा करते हैं और वहां के राज हैं।
त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र के नासिक से 25 किलोमीटर दूर त्र्यंबकेश्वर में गोदावरी नदी के पास त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यहां भगवान शिव ज्योतिर्लिंग के रूप में स्थापित हो गए। कहा जाता है कि गोदावरी नदी के किनारे गौतम ऋषि ने भगवान शिव से निवास करने का निवेदन किया था।
केदारनाथ ज्योतिर्लिंग- केदारनाथ ज्योतिर्लिंग उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में है। यह सबसे ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर को केदारनाथ के दर्शनों के लिए बैशाखी बाद गर्मियों में खोला जाता है इसके बाद दीपावली के पड़वा के दिन मंदिर के द्वार बंद कर दिए जाते हैं।
घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग- महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले में एलोरा गुफा के पास वेसल गांव में घुमेश्वर ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यह 12 ज्योतिर्लिंगों में से अंतिम ज्योतिर्लिंग माना जाता है।