Mahavir jayanti 2023: जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी की जयंती प्रत्येक वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। कल यानी 4 अप्रैल को देशभर में महावीर जयंती का पर्व पूरे उत्साह के साथ मनाई जाएगी। जैन धर्म के मानने वालों के लिए ये दिन बहुत ही महत्वपूर्ण व शुभ होता है वह भगवान महावीर के सिद्धांतों और विचारों पर चलने का प्रण लेते हैं। आइए जानते हैं भगवान महावीर के विचार और सिद्धांत
सत्य- भगवान महावीर का पहला सिद्धांत है कि हमेशा सत्य की राह पर चलना। सच पर चलना कठिन होता है इस राह में रुकावटें जरुर आती हैं। सत्य के रास्ते को कठिन मानकर या रुकावटों से डरकर इसका साथ कभी ना छोड़ें।
अहिंसा- ‘अहिंसा परमो धर्म’ है। यह भगवान महावीर का मूलभूत सिद्धांत है। कभी भी किसी भी प्राणी को कष्ट न दें। शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक तौर पर भी किसी को कष्ट न दें। किसी के बारे में बुरा भी न सोचें।
अपरिग्रह- किसी वस्तु या प्राणी से अधिक लगाव मनुष्य को अपने लक्ष्य से भटका देता है। और यही लगाव दुख का सबसे बड़ा कारण बनता है।
अचौर्य- किसी की वस्तु को बिना अनुमति लेना या यूं कहें कि चोरी करना गलत है । सिर्फ भौतिक वस्तुओं की चोरी नहीं बल्कि दूसरों के प्रति बुरा विचार रखना भी गलत है।
ब्रह्मचर्य- यहां ब्रह्मचर्य का अर्थ है अपने अंदर छिपे ब्रह्म को पहचानना। ब्रह्मचर्य के लिए ज़रुरी है कि तपस्या करें, नियमों का पालन करें, खुद पर संयम रखें।
स्वयं पर विजय प्राप्त करो- मनुष्य सारा जीवन दूसरों को हराने में लगा देता है। लेकिन हमेशा अपने आप पर विजय प्राप्त करनी चाहिए।
आनंद हमारे भीतर है- आनंद मनुष्य के भीतर होता है और मनुष्य आनंद बाहर खोजता है। आत्मा आनंदमय और सर्वज्ञ होती है।
जीवित प्राणी पर दया भाव- हर जीवित प्राणी, चाहें मनुष्य हो या पशु, पक्षी उसके लिए दया का भाव रखना चाहिए।
सत्य के प्रकाश को जानना- सत्य को जानना बहुत आवश्यक है। सत्य को जानने व समझने वाला व्यक्ति बुद्धिमान होता है।
ईश्वर अलग अस्तित्व नहीं- ईश्वर कोई अलग अस्तित्व नहीं है। बस अपने भीतर झांकने की जरुरत है। सही दिशा में कदम बढ़ाने से ईश्वर को पा सकते हैं।
जैन धर्म के मानने वालों के लिए ये दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन महावीर भगवान की पूजा की जाती है। उनके सिद्धांतों, विचारों और उपदेशों को स्मरण किया जाता है व दूसरों तक पहुंचाया जाता है और खुद भी उनके सिद्धांतों, विचारों और उपदेशों पर चलने का प्रयास किया जाता है। इस दिन धार्मिक अनुष्ठान, कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है