Mauni Amavasya 2025 Date: मौनी अमावस्या को माघी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इसका शाब्दिक का अर्थ है ‘मौन रहने वाली अमावस्या’। यह माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाती है। इस दिन महाकुंभ का दूसरा शाही स्नान भी होगा। इस दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन श्रद्धालु मौन धारण करके संगम में स्नान करते हैं। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन पितरों का तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध जैसे कर्म करने का भी दोगुना फल मिलता है। आइए जानते हैं मौनी अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।
मौनी अमावस्या तिथि
- मौनी अमावस्या माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या के दिन मनाई जाएगी।
- अमावस्या तिथि की शुरुआत- 28 जनवरी रात 07 बजकर 35 मिनट पर होगी।
- अमावस्या तिथि का समापन- 29 जनवरी शाम को 06 बजकर 05 मिनट पर होगा।
- इसलिए मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।
मौनी अमावस्या के शुभ योग
- 29 जनवरी को मौनी अमावस्या मनाई जाएगी।
- शिव वास योग- शाम 06 बजकर 05 मिनट तक।
- सिद्धि योग- रात 09 बजकर 22 मिनट तक।
- ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 5 बजकर 30 मिनट से सुबह 6 बजकर 22 मिनट पर।
- लाभ चौघड़िया- सुबह 7 बजकर 10 मिनट पर।
- अमृत चौघड़िया- सुबह 8 बजकर 31 मिनट से 9 बजकर 52 मिनट पर।
- शुभ चौघड़िया- सुबह 11 बजकर 13 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
मौनी अमावस्या का महत्व
मौनी अमावस्या का बहुत महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इन दिन श्रद्धालु कई पवित्र नदियों में स्नान करने का भी बहुत महत्व होता है। नदियों में स्नान के बाद दान भी अवश्य करें दान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। मौनी अमावस्या के दिन मौन व्रत भी रखा जाता है। इस दिन स्नान दान और पितरों के नाम से तर्पण करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितरों के नाम से दान पुण्य और तर्पण से पितरों का आशीर्वाद हमेशा बना रहता है। कहा जाता है कि मौनी अमावस्या पर पितर अपने वंशजों से मिलने के लिए धरती पर आते हैं।