लखनऊ(यूपी): राजधानी लखनऊ से सटे ग्रामीण परिवेश वाले मोहनलालगंज में बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए कोई भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है जिससे बेटियों को अपनी हायरऐजुकेशन के लिए दूर दराज के इलाकों में जाना पड़ता है.. इसी मुद्दे को लेकर दैनिक जागरण की ओर से चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें लोगों ने मोहनलालगंज में उच्च शिक्षा के लिए कोई भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं होने का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया।
मोहनलालगंज संसदीय क्षेत्र का अधिकांश हिस्सा वैसे तो प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है। यहां पांच में से चार विधान सभा लखनऊ क्षेत्र की हैं। केवल एक सिधौली ही सीतापुर जिले में आती है। लेकिन शहर के मुकाबले ग्रामीण परिवेश वाले मोहनलालगंज में बेटियों की उच्च शिक्षा के लिए सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं हैं।
वहां सिर्फ निजी डिग्री और प्राविधिक कॉलेज हैं। जिसकी फीस चुकाना आम ग्रामीण अभिभावकों के लिए आसान नहीं रहता है। मजबूरन बेटियां मोहनलालगंज, गोसाईंगंज, सरोजनीनगर, मलिहाबाद जैसे दूर दराज के इलाकों से रोजाना दो से ढाई घंटे टैंपो और बसों में धक्का खाकर अपने कॉलेज तक पहुंचती हैं। इससे जहां औसतन तीन घंटे का समय आने जाने में बर्बाद होता है। मेधावी बेटियों की पढ़ाई पर भी इसका असर पड़ता है। टैंपो और बसों का किराया अभिभावकों के बजट को बिगाड़ता है। कई बार क्षेत्र के सांसदों और विधायकों ने सरकारी डिग्री कॉलेज खोलने के वायदे तो किए लेकिन आज तक उसको पूरा नहीं किया। दैनिक जागरण की चुनाव चौपाल रविवार को मोहनलालगंज के पुरसेनी गांव में लगी। जहां स्थानीय लोगों ने एक बालिका डिग्री कॉलेज की जरूरत को लेकर खुलकर चर्चा की।