Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष 16 दिनों के लिए रहते हैं। पितृ पक्ष या श्राद्ध में पितरों की आत्मा की शांति और उनको मोक्ष दिलाने के लिए दर्पण और पिंडदान आदि के काम किए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान हमारे पूर्वज मृत्युलोक से उतरकर हमसे मिलने आते हैं। ज्योतिष पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से पितृ पक्ष का शुभारंभ होता है और आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर समाप्त हो जाता है।
इन 16 दिनों में मांगलिक कार्य जैसे विवाह, शादी, मुंडन जैसे कामों को करने से परहेज ही रखना चाहिए। इस साल पितृपक्ष 28 तारीख से शुरू हो चुके हैं। इस दौरान साधकों द्वारा पिंडदान तर्पण और श्राद्ध कर्म इत्यादि कर्म किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।