Pravasi Bharatiya Divas 2025: प्रवासी भारतीय दिवस हर साल 9 जनवरी को मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में हुई थी। इस दिन का उद्देश्य प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान और उन्हें देश से जोड़े रखना है। प्रवासी भारतीय दिवस न केवल भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय है। बल्कि यह विश्व स्तर पर भारतीय पहचान को भी मजबूत करता है। यह दिन हमें प्रवासी भारतीयों के साथ मिलकर एक समृद्ध और शक्तिशाली भारत के निर्माण की प्रेरणा देता है। यह दिवस महात्मा गांधी से जुड़ा है। आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व और थीम।
प्रवासी भारतीय दिवस का इतिहास
प्रवासी भारतीय दिवस की शुरुआत 2003 में हुई थी। यह दिवस हर साल 9 जनवरी के दिन मनाया जाता है। सन 1915 में महात्मा गांधी इसी दिन दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे और देश को आज़ाद कराया था। यह दिवस भारतीय प्रवासी समुदाय के साथ भारत के गहरे सांस्कृतिक और भावनात्मक संबंधों को मजबूत करने के लिए मनाया जाता है। भारत सरकार ने उन भारतीयों का सम्मान करने के लिए आरंभ किया, जो विदेशों में रहकर भी अपने देश के विकास और संस्कृति के प्रसार में योगदान देते हैं।
प्रवासी भारतीय दिवस का महत्व
प्रवासी भारतीय दिवस का बहुत महत्व है। इस दिन के माध्यम से प्रवासी भारतीयों को अपनी जड़ों से जोड़े रखने और भारतीय संस्कृति, परंपरा और मूल्यों को बनाए रखने में मदद मिलती है। प्रवासी भारतीय न केवल विदेशी मुद्रा में योगदान करते हैं, बल्कि अपने अनुभव और विशेषज्ञता के माध्यम से भारतीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाते हैं। प्रवासी भारतीयों और भारत के बीच संबंधों को मजबूत करता है, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति को भी बढ़ावा मिलता है। प्रवासी भारतीयों को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाता है, जो दूसरों को प्रेरित करता है।
प्रवासी भारतीय दिवस 2025 की थीम
हर साल प्रवासी भारतीय दिवस की एक विशेष थीम होती है। जो प्रवासी समुदाय और भारत के बीच संबंधों को एक नए आयाम में ले जाती है। थीम का चयन समकालीन मुद्दों और विकास के क्षेत्रों को ध्यान में रखकर किया जाता है। साल 2025 में प्रवासी भारतीय दिवस की थीम ‘‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान/ विकसित भारत की संकल्पना में प्रवासी भारतीयों का योगदान’’है।