Shardiya Navratri 2024 day 7: नवरात्रि के सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। मां काल रात्रि का वर्ण काला है और उनका स्वरुप उग्र है। मां कालरात्रि के चार हाथ हैं। ऊपर उठा हुआ दाहिना हाथ वरमुद्रा में, नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है। वहीं बाएं तरफ के ऊपर के हाथ में खड़ग एवं नीचे के हाथ में कांटा है। मां कालरात्रि का वाहन गदर्भ है। आइए जानते हैं पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, मंत्र और आरती।
मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
- 10 अक्टूबर को नवरात्रि की सप्तमी तिथि है।
- इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
- शुभ मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा
मां कालरात्रि पूजा विधि
- नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि को समर्पित होता है।
- इस दिन सुबह ब्रहम मुहूर्त में उठें।
- जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर और मंदिर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें।
- पूजा घर में गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।
- इसके बाद एक चौकी लें।
- चौकी पर कपड़ा बिछा दें।
- चौकी पर मां कालरात्रि की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- इसके बाद घी का दीपक जलाएं।
- मां को गुड़हल का फूल अर्पित करें।
- मां को रोली और अक्षत अर्पित करें।
- इसके बाद को भोग लगाएं।
- अंत में आरती करें।
मां कालरात्रि मंत्र
ॐ कालरात्र्यै नम:
या देवी सर्वभूतेषु मां कालरात्रि रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणि।
जय सार्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तुते॥
ॐ ऐं सर्वाप्रशमनं त्रैलोक्यस्या अखिलेश्वरी।
एवमेव त्वथा कार्यस्मद् वैरिविनाशनम् नमो सें ऐं ॐ॥
मां कालरात्रि आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली ।
काल के मुंह से बचाने वाली ॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा ।
महाचंडी तेरा अवतार ॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा ।
महाकाली है तेरा पसारा ॥
खडग खप्पर रखने वाली ।
दुष्टों का लहू चखने वाली ॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा ।
सब जगह देखूं तेरा नजारा ॥
सभी देवता सब नर-नारी ।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी ॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा ।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना ॥
ना कोई चिंता रहे बीमारी ।
ना कोई गम ना संकट भारी ॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें ।
महाकाली मां जिसे बचाबे ॥
तू भी भक्त प्रेम से कह ।
कालरात्रि मां तेरी जय ॥