Shardiya Navratri 2024 day 8: नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी भी कहते हैं इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है। मां महागौरी को वृषारूढ़ा नाम से भी जाना जाता है। मां का वाहन बैल है। मां की चार भुजाएं हैं। दाहिने हाथ में त्रिशूल और दूसरा हाथ अभय मुद्रा में है वहीं बायें हाथ में डमरू है तथा दूसरा हाथ वर मुद्रा में हैं। मां का वर्ण अत्यंत गौरा है। मां श्वेत वस्त्र धारण करे हुए है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती।
ॐ देवी महागौर्यै नमः
या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
जय महागौरी जगत की माया।
जय उमा भवानी जय महामाया॥
हरिद्वार कनखल के पासा।
महागौरी तेरा वहा निवास॥
चन्द्रकली और ममता अम्बे।
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥
भीमा देवी विमला माता।
कौशिक देवी जग विख्यता॥
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥
सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।
उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता।
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥