Happy Birthday Sonia Gandhi: आज सोनिया गांधी अपना 74 वां जन्मदिन मना रही हैं. वह इटली में एक साधारण परवरिश से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों और भारत की सबसे पुरानी पार्टी की नेता हैं। सोनिया गांधी ने न केवल कांग्रेस पार्टी के भविष्य को आकार दिया, बल्कि दुनिया में भारत की अर्थव्यवस्था को बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के रूप में स्थापित किया। उन्होंने FDI , privetization जैसे कई बड़े निर्णय लेकर भारत की अगली पीढ़ी की नींव रखी। उनके जन्म से लेकर कांग्रेस पार्टी की नेता बनने तक उनकी जिंदगी काफी चुनौती भरी हुई रही। उन्हें निजी जीवन में बहुत त्याग करना पड़ा। उनके जन्मदिन पर हम कुछ महत्वपूर्ण दिन और उनकी जीवनी पर कुछ महत्वपूर्ण तथ्य आपको बताते हैं।
सोनिया गांधी का जन्मदिन 9 दिसंबर 1946 को हुआ था, उनके पिता का नाम स्टीफ़ेनो मैनो और माता का नाम पाओलो मैनो था. सोनिया गांधी के दो और बहने हैं। सोनिया गांधी को बचपन में फुटबॉल खेलना बहुत पसंद था और वह बड़े होकर एयरहोस्टेस बनना चाहती थी. 13 साल की उम्र में सोनिया गांधी ने अपनी पढ़ाई पूरी की. वह वर्सिटी रेस्तरां में पार्ट टाइम वेट्रेस का काम करती थीं और वहीं उनकी मुलाकात राजीव गांधी से हुई. राजीव गांधी वहां पर इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे.
सोनिया गांधी जब 18 साल की थीं तब उनकी शादी राजीव गांधी से हो गई. राजीव गांधी ने सोनिया गांधी को वर्सिटी रेस्तरां में देखा था जहां वह वेट्रेस का काम कर रही थीं। राजीव गांधी उनकी खूबसूरती और उनकी पर्सनॅलिटी से इंप्रेस हो गए और उन्होंने एक नैप्किन में उनके लिए एक कविता लिखी। उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने शादी का फैसला किया। सोनिया गांधी के पिता इस फैसले से नाखुश थे क्योंकि वह नहीं चाहते थे कि सोनिया गांधी एक पॉलिटिकल फैमिली में शादी करें, कहा यह भी जाता है कि सोनिया गांधी ने राजीव गांधी से बोला था कि वह कभी पॉलिटिक्स ज्वाइन नहीं करेंगे और राजीव गांधी भी इससे खुश थे क्योंकि उनको भी पॉलिटिक्स में ज्यादा रुचि नहीं थी.
सोनिया गांधी और राजीव गांधी दिल्ली में अपनी मां के साथ रहते थे। राजीव गांधी एयर इंडिया में पायलट थे और उसी वक्त 1970 में सोनिया गांधी और राजीव गांधी पेरेंट्स बने। राहुल गांधी का जन्म उनकी शादी के 2 साल बाद और उसी के 2 साल बाद 1972 में उनकी छोटी बहन प्रियंका गांधी का जन्म हुआ।
पहला चरण जिसने सोनिया गांधी के लिए जीवन का मार्ग बदल दिया, वह दिन सोनिया गांधी के लिए 23 जून 1980 का था। राजीव गांधी के बड़े भाई थे संजय गांधी और वह पॉलिटिक्स में काफी सक्रिय रहते थे। वह अपनी मां इंदिरा गांधी के लिए हमेशा एक सपोर्ट सिस्टम की तरह थे और इंदिरा गांधी के बाद संजय गांधी ही कांग्रेस पार्टी की कमान को संभालने वाले थे। राजीव गांधी और सोनिया गांधी को इस बात की खुशी थी क्योंकि वह खुद पॉलिटिक्स में आना नहीं चाहते थे मगर नियति को कुछ और ही मंजूर था और 10 जुलाई को संजय गांधी की एक प्लेन क्रैश से आकस्मिक मृत्यु हो गई। राजीव गांधी और सोनिया गांधी पॉलिटिक्स में आने को मजबूर हो गए।
कहते हैं ना कि होनी को कौन टाल सकता है और कई बार हम जिस चीज से दूर रहना चाहते हैं वही हमारा पीछा नहीं छोड़ती। वही हाल सोनिया गांधी का हुआ संजय गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी को सपोर्ट करने के लिए पॉलिटिक्स में एंट्री की, मगर 1984 में इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही दो बॉडीगार्ड के द्वारा कर दी गयी। इंदिरा गांधी की हत्या के कुछ ही घंटों के बाद राजीव गांधी ने सोनिया गांधी से बात की और उन्होंने अपनी पायलट की नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से पॉलिटिक्स में कदम रखा और वह इंडिया के प्राइम मिनिस्टर बन गए।
इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद राजीव गांधी राजनीति में पूरी तरह आ गए। इस बीच राजीव गांधी ने एक समय प्राइम मिनिस्टर के रूप में और एक समय विपक्षी नेता के रूप में बिताया। 1991 के चुनाव की तैयारी चल रही थी और राजीव गांधी के चुनाव प्रचार के दौरान 21 मई 1991 को उनका हत्या कर दी गई । उनकी मृत्यु से सोनिया गांधी भी पूरी तरह से राजनीति में आ गयीं।
कहते हैं न कि लाइफ चलती रहती है और हर रात के बाद सवेरा होता है वैसा ही राजीव गाँधी की डेथ के बाद सोनिया गाँधी के साथ हुआ। सोनिया गाँधी राजनीति में थीं मगर वो पूरी तरह से फ्रंट में नहीं थीं। इसी दौरान उनके दोनों बच्चे बड़े हो गये और 18 फ़रवरी, 1997 को उनकी बेटी प्रियंका गाँधी की शादी रोबर्ट वाड्रा के साथ हो गयी, और सोनिया गाँधी माँ से सासू माँ बन गयीं। राजीव गांधी और सोनिया गांधी की तरह ही प्रियंका गांधी ने भी 29 अगस्त 2000 को एक बेटे "रिहान वाड्रा" को जन्म दिया और उसके दो साल बाद उनकी बेटी मिराया वाड्रा का जन्म हुआ।
जैसे-जैसे सोनिया गांधी का निजी जीवन आगे बढ़ा, वैसे-वैसे उनका राजनीतिक जीवन भी शुरू हुआ। 1998 में वह भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं। हालांकि, पार्टी नेता के रूप में उनका चयन विपक्ष के बिना नहीं था, 1999 में उनकी ही पार्टी के तीन वरिष्ठ नेताओं शरद पवार, पी.ए. संगमा और तारिक अनवर ने उनके ख़िलाफ़ बगावत कर दी। उनका कहना था कि वो विदेशी नागरिक होने के बावजूद भारत की अगली PM कैसे बन सकती हैं।
2004 के आम चुनावों में कांग्रेस पार्टी को बहुमत मिला और सोनिया गांधी की अगुआई में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बन गये। मगर 2014 में कांग्रेस पार्टी अपना अच्छा प्रदर्शन नहीं दिखा पायी और NDA की सरकार काफी बड़े बहुमत के साथ बन गयी और कांग्रेस पार्टी तभी से विपक्ष में है।
हमारी कोशिश थी कि राजनीति की इस बड़ी हस्ती के जीवन को चंद शब्दों में आपके सन्मुख प्रकट करने की , हमें पूर्ण आशा है की आप हमारी इस कोशिश को सराहेंगे।
हम सभी सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देते हैं।
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