Teachers Day 2024 Quotes: नैतिकता, शिक्षा और मानवता पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

05 Sep, 2024
Teachers Day 2024 Quotes: नैतिकता, शिक्षा और मानवता पर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के अनमोल विचार

Teachers Day 2024 Quotes: शिक्षक दिवस का उद्देश्य शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करना है। शिक्षक समाज में ज्ञान का प्रसार करते हैं और बच्चों का भविष्य संवारते हैं। शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। वह एक महान शिक्षाविद और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। उनका जन्म 5 सितम्बर 1888 को आंध्र प्रदेश में हुआ था। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने बहुत अनमोल बातें कहीं हैं। जो जीवन की विपरीत परिस्थियों में आपका मार्गदर्शन करेंगे।

शिक्षा का परिणाम एक मुक्त रचनात्मक व्यक्ति होना चाहिए, जो ऐतिहासिक परिस्थितियों और प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध लड़ सके।

सच्चे शिक्षक वे हैं जो हमें अपने लिए सोचने में मदद करते हैं।

कला मानवीय आत्मा की गहरी परतों को उजागर करती है। कला तभी संभव है जब स्वर्ग धरती को छुए।

मनुष्य को सिर्फ तकनीकी दक्षता नही बल्कि आत्मा की महानता प्राप्त करने की भी ज़रुरत है।

शांति, राजनीतिक या आर्थिक बदलाव से नहीं आ सकती बल्कि मानवीय स्वभाव में बदलाव से आ सकती है।

लोकतंत्र सिर्फ विशेष लोगों में नहीं, बल्कि हर एक मनुष्य की आध्यात्मिक संभावनाओं में एक यकीन है।

ज्ञान हमें शक्ति देता है, प्रेम हमें पूर्णता देता है।

परमात्मा पाप से मुक्त है, वृद्धावस्था से मुक्त है, मृत्यु और शोक से मुक्त है, भूख और प्यास से मुक्त है, जो कुछ भी नहीं चाहता है और कुछ भी कल्पना नहीं करता है।

जीवन को बुराई की तरह देखना और दुनिया को एक भ्रम मानना महज कृतध्नता है।

केवल निर्मल मन वाला व्यक्ति ही जीवन के आध्यात्मिक अर्थ को समझ सकता है। स्वयं के साथ ईमानदारी, आध्यात्मिक अखंडता की अनिवार्यता है।

हमें मानवता को उन नैतिक जड़ों तक वापस ले जाना चाहिए, जहाँ से अनुशासन और स्वतंत्रता दोनों का उद्गम हो।

आध्यात्मिक जीवन भारत की प्रतिभा है।

मानवीय स्वाभाव मूल रूप से अच्छा है, और आत्मज्ञान का प्रयास सभी बुराईयों को ख़त्म कर देगा।

सहिष्णुता वो श्रद्धांजलि है जो सीमित मन असीमित की असीमता को देता है।

हर्ष और आनंद से परिपूर्ण जीवन केवल ज्ञान और विज्ञान के आधार पर संभव है।

किताब पढना हमें एकांत में विचार करने की आदत और सच्ची ख़ुशी देता है।

धन, शक्ति और दक्षता केवल जीवन के साधन हैं, खुद जीवन नहीं।

जब हम ये सोचते हैं कि हम जानते हैं तो हमारा सीखना रुक जाता है।

पुस्तकें वो साधन हैं जिनके माध्यम से हम विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का निर्माण कर सकते हैं।

उम्र या युवावस्था का काल-क्रम से लेना-देना नहीं है। हम उतने ही नौजवान या बूढें हैं जितना हम महसूस करते हैं। हम अपने बारे में क्या सोचते हैं, यही मायने रखता है।

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