Telangana Formation Day 2024: तेलंगाना स्थापना दिवस हर साल 2 जून को मनाया जाता है। यह 2014 का वह दिन है जब आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना था। तेलंगाना की जीवंत संस्कृति अपने अद्भुत संगीत, भोजन, नृत्य और पारंपरिक पोशाक के लिए जानी जाती है। इस खास दिन को मनाने के लिए इस उत्सव में प्रसिद्ध कलाकारों और मशहूर हस्तियों द्वारा प्रदर्शन भी किए जाते हैं। यह दिन तेलंगाना के लिए एक समृद्ध और संपन्न भविष्य बनाने का आह्वान है। यह तेलंगाना के लोगों की प्रतिबद्धता और आकांक्षाओं को दर्शाता है। आइए जानते है इस दिन का इतिहास और महत्व।
तेलंगाना स्थापना दिवस का इतिहास
तेलंगाना राज्य के गठन के लिए दशकों लंबा आंदोलन चला था। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों अलग-अलग भाषा, संस्कृति और इतिहास वाले क्षेत्र हैं। तेलंगाना के लोगों ने लंबे समय से अपनी पहचान और अधिकारों के लिए संघर्ष किया था। तेलंगाना स्थापना दिवस हर साल 2 जून को मनाया जाता है। यह 2014 का वह दिन है जब आंध्र प्रदेश से अलग होकर तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना था। भारत सरकार ने तेलंगाना राज्य बनाने के लिए आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम पारित किया। यह एक ऐतिहासिक क्षण था और तेलंगाना के लोगों ने इसे बड़े उत्साह और उल्लास के साथ मनाया।
तेलंगाना स्थापना दिवस का महत्व
तेलंगाना स्थापना दिवस तेलंगाना के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। यह उनके संघर्ष और बलिदान की याद दिलाता है, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपना राज्य मिला। यह तेलंगाना की संस्कृति और विरासत को दुनिया के सामने रखता है। तेलंगाना का राज्य पक्षी पालपिट्टा (भारतीय रोलर या ब्लू जे), राज्य पशु - जिंका (हिरण), राजकीय वृक्ष - जम्मी चेट्टू (प्रोसोपिस सिनेरिया) और राज्य पुष्प - तांगेदु (टान्नर कैसिया) है।
तेलंगाना स्थापना दिवस कार्यक्रम
तेलंगाना स्थापना दिवस के दिन सांस्कृतिक कार्यक्रम और परेड का आयोजन होता है। साथ ही आतिशबाजी भी होती है। इस दिन सम्मेलन और सेमिनार भी होते है। तेलंगाना स्थापना दिवस तेलंगाना के लोगों के लिए एक गर्व और खुशी का दिन है। यह उनके राज्य की समृद्ध विरासत और उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक है। तेलंगाना भारत का सबसे कम उम्र का राज्य है। तेलंगाना हैदराबाद शहर भारत के सबसे पुराने और सबसे ऐतिहासिक शहरों में से एक है जो इसकी राजधानी भी है।