Ganesh Visarjan 2023: पिछले कई दिनों से लोग गणेश जी की मूर्ति की पूरे विधि-विधान से पूजा कर रहे हैं। 19 सितंबर को गणेश जी के भक्त उन्हें घर लाए थे और 10 दिनों बाद पूरे विधि-विधान के साथ गणेश जी का विसर्जन कर दिया जाएगा। 28 सितंबर को अनंत चतुर्दशी है और अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश का विसर्जन किया जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि गणेश जी का विसर्जन क्यों करते हैं और अनंत चतुर्दशी का दिन विसर्जन के लिए क्यों खास माना जाता है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित हैं आइए जानते हैं उस कथा के बारे में-
भगवान गणेश के विसर्जन के पीछे एक पौराणिक कथा प्रचलित है और यह कथा महाभारत की कहानी से जुड़ी है। कहा जाता है कि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन वेद व्यास जी ने गणेश जी को मिट्टी का लेप लगाया और उनकी पूजा की, दरअसल महाभारत की कथा गणेश जी ने लिखी थी और इस कथा को वेद व्यास जी ने सुनाया था। इस कथा को लिखने से पहले गणेश जी ने वेदव्यास जी के सामने शर्त रखी थी कि महाभारत की कथा लिखते समय वह कलम नहीं रोकेगें और यदि कलम रुक गई तो उसी समय वह कथा लिखना छोड़ देंगे। वेदव्यास जी ने गणेश जी की शर्त को मान लिया।
गणेश जी के शरीर का ताप न बढ़े इसलिए वेदव्यास जी ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगाया। इसके बाद पूरे 10 दिनों तक वेदव्यास जी कथा सुनाते रहे और गणेश जी उस कथा को लिखते रहे। जब कथा समाप्त हुई तो गणेश जी के शरीर का ताप काफी बढ़ गया। गणेश जी के शरीर का ताप कम करने के लिए वेदव्यास जी ने उन्हें पानी में डुबाया जिसके बाद गणेश जी का शरीर ठंडा हो गया। जिस दिन वेदव्यास जी ने गणेश जी को पानी में डुबाया था उस दिन अनंत चतुर्दशी थी तभी से अनंत चतुर्दशी वाले दिन गणेश जी का विसर्जन किया जाता है।
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