Kabirdas Jayanti 2023: कबीरदास एक महान संत थे उन्होंने भारत की धरती पर लगभग संवत् 1455 में ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा के दिन जन्म लिया था। 4 जून 2023 को संत कबीदास की जयंती मनाई जाएगी। वह एक विचारक और समाज सुधारक थे। उन्होंने अपने दोहों से हिंदू और मुस्लिम दोनों के धर्म की कमियों को उनके बीच में रखा। कबीरदास ने धर्म में फैले आडंबरों और रूढ़िवादी मानसिकता का खुलकर विरोध किया और दोनों धर्म के मानने वालों को आइना दिखाया। आइए जानते हैं कब है कबीदास जयंती
कबीरदास जयंती 4 जून 2023 को रविवार के दिन मनाई जाएगी।
पूर्णिमा तिथि शुरुआत | 3 जून 2023 | 11ः15 |
पूर्णिमा तिथि समाप्त | 4 जून 2023 | 09ः10 |
कबीरदास की जयंती हर वर्ष ज्येष्ठ मास की शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। उनके अनुयायी हिंदू मुस्लिम दोनों ही हैं। उनके जन्मदिवस के अवसर पर लोग उनके दोहो का पाठ करते हैं और कबीर दास की शिक्षाओं पर चलने का प्रयास करते हैं। कबीर दास जी खुद पढ़े लिखे नहीं थे लेकिन उन्होंने अपनी वाणी की ज्योति से पूरे संसार को रोशनी दी। उनके द्वारा कहे गए दोहे आज के युग में भी उतने ही सार्थक और प्रभावशाली है जितने उस समय थे।
कबीरदास शिक्षित नहीं थे। लेकिन उन्होंने सारे संसार को शिक्षा का पाठ पढ़ाया है। उन्होंने अपने दोहे इतनी सरल भाषा में कहे कि वह आम जन के बीच गाए जाने लगे। कबीरदास को संत और समाज सुधारक माना जाता है। उनकी मृत्यू से जुड़ा हुआ एक किस्सा प्रचलित है, कहा जाता है कि जब कबीरदास जी की मृत्यू हुई तो वह काशी को छोड़कर मगहर चले गए थे। क्योंकि लोगों कि ऐसी मान्यता थी कि लोग काशी में मृत्यू होने से मोक्ष की प्राप्ती होती है लेकिन मगहर में मुत्यू होने से नरक मिलता है। कबीर दास धर्म से अधिक कर्म में विश्वास रखते थे।