Parshuram Jayanti 2025 date: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती भी मनाई जाती है। इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है। अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है इसलिए लोग इस दिन आभूषण खरीदने हैं और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान परशुराम की पूजा का भी विधान है। भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार माना जाता है। आइए जानते हैं कब मनाई जाएगी परशुराम जयंती, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व।
परशुराम जयंती तिथि
- वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को परशुराम जयंती मनाई जाती है।
- तृतीया तिथि की शुरुआत- 29 अप्रैल शाम 05 बजकर 31 मिनट पर होगी।
- तृतीया तिथि का समापन- 30 अप्रैल की दोपहर के 02 बजकर 12 मिनट पर होगा।
- भगवान परशुराम का अवतार प्रदोष काल में हुआ है।
- इसलिए 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाएगी।
- इस दिन त्रिपुष्कर योग बन रहा है।
- साथ ही सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
- सौभाग्य योग का निर्माण हो रहा है।
- सौभाग्य योग दोपहर के 03 बजकर 54 मिनट पर हो रहा है।
परशुराम जयंती पूजा विधि
- परशुराम जयंती के दिन सुबह जल्दी उठें।
- स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- इस दिन पीले वस्त्र धारण करना अच्छा माना जाता है।
- इसके बाद व्रत का संकल्प लें।
- सूर्य देव को जल का अर्घ्य दें।
- घर और मंदिर की सफाई करें।
- इसके बाद भगवान परशुराम की पूजा करें।
- भगवान परशुराम को फूल, रोली अक्षत, भोग आदि अर्पित करें।
- प्रदोष काल में भी भगवान परशुराम की पूजा कर सकते हैं।
परशुराम जयंती का महत्व
परशुराम जयंती का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन भगवान परशुराम की पूजा की जाती है। इस दिन उपवास रखने की भी परंपरा है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत और पृथ्वी पर धर्म के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है। इस दिन कई जगह शोभा यात्राएं भी निकाली जाती हैं। इस दिन के माध्यम से अन्याय के खिलाफ खड़े होने और धार्मिक मूल्यों का पालन करने की प्रेरणा मिलती है।