Shardiya Navratri 2023 Day 9: नवरात्रि के नौवें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती

22 Oct, 2023
Shardiya Navratri 2023 Day 9: नवरात्रि के नौवें दिन होती है मां सिद्धिदात्री की पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र और आरती

Shardiya Navratri 2023 Day 9: नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा होती है। नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह दिन कन्या पूजन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता हैं। इस दिन विधि-विधान से पूजा करने से घर में सुख शांति आती है। आइए जानते हैं मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि, आरती, मंत्र, महत्व और शुभ मुहूर्त

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

  • प्रातः जल्दी उठकर स्नान करें। 
  • नए अथवा साफ-सुथरे कपड़े पहनें। 
  • मां सिद्धिदात्री की मूर्ति या तस्वीर को स्थापित करें।
  • मां को अक्षत, फूल, माला, आदि अर्पित करें। 
  • मां को कमल का फूल अर्पित करना चाहिए। 
  • रोली, मोली, कुमकुम और चुनरी आदि भी मां को अर्पित करें। 
  • मां हलवा, पूरी, खीर, चने, नारियल का भोग लगाएं।
  • इसके बाद मंत्रों का जाप और आरती करें। 
  • अपनी भूल के लिए मां से माफी मांग लें।
  • इसके बाद कन्या पूजन करें और कन्याओं को भोजन कराएं। 

महानवमी पर मां सिद्धिदात्री और कन्या पूजन का मुहूर्त 

  • महानवमी तिथि की शुरुआत-  22 अक्टूबर 2023 शाम 07 बजकर 58 मिनट से
  • महानवमी तिथि का समापन- 23 अक्टूबर शाम 05 बजकर 44 मिनट तक 
  • इसलिए 23 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। 
  • पूजा का शुभ मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 07 बजकर 51 मिनट तक

मां सिद्धिदात्री पूजा मंत्र

सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि,
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।

या देवी सर्वभूतेषु मां सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां सिद्धिदात्री की आरती

जय सिद्धिदात्री माँ तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता॥
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि॥
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जब भी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम॥
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बें दाती तू सर्व सिद्धि है॥
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो॥
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे॥
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया॥
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बें सवाली॥
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा॥
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता॥

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