Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने शरणार्थियों कें मुद्दे पर सख्त टिप्पणी दी है। एक श्रीलंकाई नागरिक की भारत में शरणार्थी के तौर पर रहने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी दी। कोर्ट ने कहा, ‘‘भारत कोई धर्मशाला नहीं है, जहां दुनिया भर से शरणार्थियों को रखा जा सके।’’ याचिकाकर्ता को 2015 में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम से जुड़े होने के संदेह में गिरफ्तार किया गया था। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने याचिका की सुनवाई की। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए देखें यह वीडियो...