Shaheed Diwas 2025: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। देशभर में हर साल 30 जनवरी का दिन शहीद दिवस मनाया जाता है। 30 जनवरी 1948 को दिल्ली के बाटला हाउस में नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर महात्मा गांधी की हत्या कर दी। इसलिए इस दिन को महात्मा गांधी की शहादत के रुप में मनाया जाता है। गांधी जी ने दांडी यात्रा, असहयोग आंदोलन समेत तमाम अहिंसावादी आंदोलनों के जरिए अंग्रेजों को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया। बैरिस्टर की डिग्री होने के बावजूद उन्होंने अंग्रेजों की गुलामी करना मंजूर नहीं किया और देश को आजाद करने में अपना जीवन लगा दिया। शहीद दिवस पर पढ़ें महात्मा गांधी के प्रेरणादायक कोट्स।
कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है। क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है।
गुलाब को उपदेश देने की आवश्यकता नहीं होती। वह तो केवल अपनी खुशबू बिखेरता है। खुशबू ही उसका संदेश है।
स्वतंत्रता एक जन्म की भांति है। जब तक हम पूर्णतः स्वतंत्र नहीं हो जाते तब तक हम परतंत्र ही रहेंगे ।
जिस दिन से एक महिला रात में सड़कों पर स्वतंत्र रूप से चलने लगेगी, उस दिन से हम कह सकते हैं कि भारत ने स्वतंत्रता हासिल कर ली है।
निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
आजादी का कोई अर्थ नहीं है, अगर उसमें गलतियां करने की आजादी शामिल न हो।
किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते हैं।
किसी भी व्यक्ति के विचार ही सबकुछ है, वह जो सोचता है, वह बन जाता है।
स्वास्थ्य ही सही धन है। सोने और चांदी का मूल्य इसके सामने कुछ भी नहीं।
पहले वो आपको अनदेखा करेंगे, उसके बाद आप पर हंसेंगे,फिर वो आप से लड़ेंगे और तब आप जीत जाएंगे।
प्रसन्नता ही एकमात्र ऐसा इत्र है जिसे आप दूसरों पर छिड़कते हैं तो कुछ बूंदे आप पर भी पड़ती हैं।
लोकतंत्र का काम करने के लिए ऊपरी ज्ञान नहीं, बल्कि सही शिक्षा की आवश्यकता होती है।
मैं मरने के लिए तैयार हूं, पर ऐसी कोई वज़ह नहीं है जिसके लिए मैं मारने को तैयार हूं।
आंख के बदले आंख पूरे विश्व को अंधा बना देगी।
ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है। यह तो अदम्य इच्छाशक्ति से आती है।
कुछ करना है तो प्यार से करें, वरना न करें।
ऐसे जिएं कि जैसे आपको कल मरना है और सीखें ऐसे जैसे आपको हमेशा जीवित रहना है।
निःशस्त्र अहिंसा की शक्ति किसी भी परिस्थिति में सशस्त्र शक्ति से सर्वश्रेष्ठ होगी।
आपको मानवता में विश्वास नहीं खोना चाहिए। मानवता सागर के समान है, अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो पूरा सागर गंदा नहीं हो जाता।
क्रूरता का उत्तर क्रूरता से देने का अर्थ अपने नैतिक व बौद्धिक पतन को स्वीकार करना है।
हमें इस तरह जीना चाहिए, जैसे हम कल ही मरने वाले हैं, हमें इस तरह सीखना चाहिए, जैसे हम वर्षों जीवित रहने वाले हैं।
दूसरों की सेवा में खुद को खो दो। यह खुद को खोजने का सबसे अच्छा तरीका है।
व्यक्ति की पहचान उसके कपड़ों से नहीं उसके चरित्र से होती है।